कोरोना से लड़ाई में संसाधनों का अकाल, खत्म होने को हैं पीपी किट
पूर्वी यूपी में स्वास्थ्य विभाग को कोरोना से जंग में संसाधनों का सामना करना पड़ रहा है। बस्ती में कोरोना के सबसे ज्यादा मरीज हैं वहां पर सिर्फ 35 पीपी किट हैं। कुशीनगर और गोरखपुर में पीपी किट व मास्क खत्म होने के कगार पर पहुंच गया है।
पूर्वी यूपी में कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ता जा रहा है। पूर्वांचल में इस समय बस्ती सबसे ज्यादा संवेदनशील हो गया है। यहां पांच मरीजों में कोरोना की तस्दीक हुई। एक की मौत हो गई है। इसके अलावा पूर्वी यूपी में तब्लीगी जमात के करीब 200 लोगों के मौजूद होने की आशंका हैं। इनमें से भी कुछ कोरोना संक्रमित हो सकते हैं।
अस्पताल में है संसाधनों का टोटा
कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज कर रहे डॉक्टरों पर भी संक्रमण का खतरा मंडरा रहा है। अस्पताल प्रशासन डॉक्टरों को आवश्यक संसाधन मुहैया नहीं करा पा रहा है। बस्ती में कोरोना के पांच मरीज हैं। इनके इलाज के लिए प्रशासन के पास सिर्फ 35 पर्सनल प्रोटेक्शन किट है। यह तीन से चार दिन में खप जाएगा। बीआरडी मेडिकल कालेज में तो जूनियर डॉक्टर मास्क व किट की मांग को लेकर विद्रोह करने पर आमादा हो गए हैं। गुरुवार को डॉक्टरों ने प्राचार्य का घेराव भी किया।
नहीं है थर्मामीटर
पूर्वी यूपी में सबसे ज्यादा किल्लत थर्मल थर्मामीटर की है। हर जिले में इक्का-दुक्का ही हैं। बस्ती, देवरिया में दो-दो और कुशीनगर में तीन थर्मामीटर है। गोरखपुर के जिला अस्पताल में सिर्फ एक थर्मामीटर है। यहां तीन कमरों में कोरोना मरीजों के लिए फ्लू की ओपीडी चल रही है।
गोरखपुर में है सबसे ज्यादा मांग पूर्वी यूपी में कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए गोरखपुर में सबसे बड़े पैमाने पर तैयारी की गई है। यहां अस्पताल में करीब 600 बेड का आइसोलेशन वार्ड और 70 वेंटिलेटर के साथ आईसीयू तैयार है। हालांकि इस मुताबिक पीपी किट और एन-95 मास्क नहीं है। जिले में फौरी तौर पर जिला अस्पताल व सीएमओ ने संयुक्त रूप से 5000 व बीआरडी ने 5000 पीपी किट की मांग की है। इसमें जिला अस्पताल को 50 किट मिले। एन-95 मास्क नहीं मिला। सामान्य मास्क 500 मिल गए।
अस्पतालों में खत्म है मास्क कोरोना मरीजों के इलाज में जुटे डॉक्टर व पैरामेडिकल स्टॉफ संसाधनों की कमी से जूझ रहा है। जिला अस्पताल में तो ग्लब्स तक की किल्लत हो गई हैं। गुरुवार की रात में कुछ विभागों में ग्लब्स नर्सिंग स्टॉफ को नहीं मिले। जिसकी वजह से नर्सें भड़क गई। उन्होंने बगैर ग्लब्स के मरीजों को इंजेक्शन लगाने से इनकार कर दिया। मामला अधिकारियों तक पहुंचा। इसके बाद दूसरे विभाग से नर्स को ग्लब्स मुहैया कराया गया।
जिला अस्पताल को मिली 50 सुरक्षा किट
संसाधनों की कमी से जूझ रहे जिला अस्पताल को शासन ने कुछ हद तक राहत दी है। शुक्रवार को 50 पीपीई (पर्सनल प्रोटेक्शन इक्यूपमेंट- व्यक्तिगत सुरक्षा) किट, 50 वायल किट (लार का नमूना लेने वाली किट) और 500 मास्क जिला अस्पताल को मिल गए। हालांकि अस्पताल प्रशासन ने शासन से 5000 मास्क, 500 वायल और 2500 पीपीई किट की मांग की थी। अस्पताल से जुड़े सूत्रों का कहना है कि अभी बड़ी संख्या में उपकरणों की जरूरत है
पीपी किट, मास्क और थर्मामीटर की कमी है। सीएमओ के जरिए डिमांड भेजी गई है। शासन से उपकरणों के लिए आश्वासन मिला है। मरीज होंगे तो संसाधन भी मिल जाएंगे। डॉ. जर्नादन त्रिपाठी, एडी हेल्थ, गोरखपुर मंडल
जिला पीपी किट थर्मामीटर एन-95 मास्क गोरखपुर 10000 20 20000 सिद्धार्थनगर 5000 100 5500 कुशीनगर 1000 10 10000 बस्ती 1000 10 5000 देवरिया 40 50 1200 संतकबीरनगर 4000 205 7000 महराजगंज 100 10 3000