मरीज बोला, 'सांस फूल रही है, बुखार है', अस्‍पताल में मच गया हड़कम्‍प

मरीज बोला, 'सांस फूल रही है, बुखार है', अस्‍पताल में मच गया हड़कम्‍प


रेलवे अस्पताल में गुरुवार की रात एक कोरोना संदिग्ध रेलकर्मी के पहुंचने से हंड़कंप मच गया। भौतिक परीक्षण के बाद जब अस्थमा का पता चला तब जाकर सभी चैन की सांस ली। दरअसल, रेलकर्मी को सांस फूलने की शिकायत थी। शिकायत होने पर रेलवे अस्पताल ने उसे जांच के लिए मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया। मेडिकल कॉलेज में प्रारंभिक जांच में रेलकर्मी में अस्थमा होने की जानकारी हुई। जांच के बाद दवा देकर उसे घर भेज दिया गया।


रेलवे अस्पताल में अभी आइसोलेशन वार्ड तो बना दिए गए हैं लेकिन जांच की व्यवस्था नहीं हुई है। गुरुवार की रात एक रेलकर्मी को उसके घरवाले लेकर अस्पताल पहुंचे। रेलकर्मी ने बताया कि उसे बुखार लग रहा है और सांस लेने में तकलीफ है। रेलवे अस्पताल के डॉक्टरों ने उसे जांच के लिए मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया। मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों ने उसके भीतर कोरोना के संक्रमण के लक्षण नहीं पाए। जांच में पाया गया कि वह दमा का मरीज है। रेलवे अस्पताल के प्रमुख मुख्य चिकित्साधिकारी ने बताया कि रेलकर्मी में कोरोना के लक्षण नहीं मिले हैं। वह अस्थमा का मरीज है।


गोरखपुर। रेलवे अस्पताल में गुरुवार की रात एक कोरोना संदिग्ध रेलकर्मी के पहुंचने से हंड़कंप मच गया। भौतिक परीक्षण के बाद जब अस्थमा का पता चला तब जाकर सभी चैन की सांस ली। दरअसल, रेलकर्मी को सांस फूलने की शिकायत थी। शिकायत होने पर रेलवे अस्पताल ने उसे जांच के लिए मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया। मेडिकल कॉलेज में प्रारंभिक जांच में रेलकर्मी में अस्थमा होने की जानकारी हुई। जांच के बाद दवा देकर उसे घर भेज दिया गया।


रेलवे अस्पताल में अभी आइसोलेशन वार्ड तो बना दिए गए हैं लेकिन जांच की व्यवस्था नहीं हुई है। गुरुवार की रात एक रेलकर्मी को उसके घरवाले लेकर अस्पताल पहुंचे। रेलकर्मी ने बताया कि उसे बुखार लग रहा है और सांस लेने में तकलीफ है। रेलवे अस्पताल के डॉक्टरों ने उसे जांच के लिए मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया। मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों ने उसके भीतर कोरोना के संक्रमण के लक्षण नहीं पाए। जांच में पाया गया कि वह दमा का मरीज है। रेलवे अस्पताल के प्रमुख मुख्य चिकित्साधिकारी ने बताया कि रेलकर्मी में कोरोना के लक्षण नहीं मिले हैं। वह अस्थमा का मरीज है।


 
मेडिसिन और एनेस्थिसिया के शिक्षक कर रहे मदद इस ट्रेनिंग में सहायता के मेडिसिन और एनेस्थिसिया के शिक्षकों को लगाया गया है। एमबीबीएस की पढ़ाई कर चुके इंटर्न को भी शामिल किया जा रहा है। ट्रेनिंग सत्र तीन घंटे का है। इस दौरान इलाज व जांच के प्रोटोकॉल की भी जानकारी दी जाती है। डॉ. अमरेश ने बताया कि शुक्रवार को 100 और लोगों की सूची मिली है। इसमें डॉक्टर व पैरा मेडिकल स्टॉफ शामिल है। सभी को जल्द ट्रेनिंग दी जाएगी